यूपी – सीएसआर से ललितपुर के पांच गांव सौर ऊर्जा से हुए रोशन

 

Table of Contents

Toggle
उत्तर प्रदेश में सोलर एनर्जी को प्रोत्साहित कर रही योगी सरकार की पहल से सिर्फ सिटी ही नहीं, बल्कि गांवों तक सोलर एनर्जी को पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में ललितपुर में जिला प्रशासन ने सीएम योगी (UP CM Yogi News) की मंशा के अनुरूप कई गांवों को सोलर एनर्जी (Solar Energy in UP) से रोशन कर मिसाल पेश की है। यहां पर पहले चरण में पांच गांवों को सोलर एनर्जी से रोशन किया गया है। जबकि पूरे शहर को सौर ऊर्जा से रोशन करने के लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है। Uttar Pradesh के बुंदेलखंड रीजन को सौर ऊर्जा का हब बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार सोलर पार्क विकसित कर रही है। झांसी, ललितपुर और चित्रकूट में सबसे बड़े सोलर पार्क को 9 हजार एकड़ में विकसित किया जा रहा है, जहां पर 2 हजार मेगावाट का सोलर प्लांट (Solar plant) स्थापित किया जाएगा। इससे हर साल 4700 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। इसके लिए लक्षित भूमि को लीज पर लेने की प्रक्रिया जारी है।

सोलर सिटी के विजन में ललितपुर ने पेश की मिसाल

पिछली सरकारों में उपेक्षा का दंश और संसाधनों के लूट का शिकार रहा बुंदेलखंड आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में विकास के नये आयाम स्थापित कर रहा है। वर्तमान में बुंदेलखंड को जहां एक ओर बल्क ड्रग पार्क का हब बनाया जा रहा है, तो वहीं इंफ्रास्ट्रक्चर को गति देने के लिए ‘बीडा’ का गठन कर अनेक कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में ललितपुर ने सोलर एनर्जी के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यहां पर सीएम योगी के विजन के तहत पहले चरण में जंगल से सटे पांच गांव के करीब साढ़े तीन सौ घर सोलर पावर से जगमगा रहे हैं। इसके साथ ही 73 स्ट्रीट लाइट ने सड़कों के अंधेरे को खत्म कर दिया है।

यूपी में सीएसआर फंड के जरिए सोलर प्लांट से घरों और सड़कों को किया रोशन

The CSR Journal से ख़ास बातचीत करते हुए ललितपुर के डीएम अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि विकासखंड मड़ावरा के वनगुवां, लखंजर, हीरापुर, पापड़ा और बारई गांव जंगलों के बीच में बसे हुए हैं। ऐसे में यहां पर बिजली की आपूर्ति के लिए लाइन को जंगलों से होकर ले जाना पड़ेगा। इससे जंगल को नुकसान के साथ वन्यजीवों पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा। इस पर हमने यहां पर सोलर पावर से बिजली सप्लाई की योजना बनायी। इन गांवों में सर्वे कराया गया तो पाया गया कि यहां पर सोलर प्लांट के जरिये बिजली की आपूर्ति की जाती थी, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से वह निष्क्रिय हो गये हैं। ऐसे में दोबारा सोलर पावर शुरू करने के लिए 3 गांव के लिए सीएसआर फंड और दो गांव के लिए जिला खनिज निधि के जरिये करीब 70 लाख की धनराशि जुटाई गयी। इसके बाद यहां पर सोलर पावर को दुरुस्त किया गया और गांव में बिजली सप्लाई शुरू की गयी। उन्होंने बताया कि आज इन गांवों के हर घर को दो बल्ब व पंखे का कनेक्शन दिया गया है। गांव वालों को सोलर पावर के जरिये निशुल्क बिजली की सप्लाई की जा रही है।

हर साल 1400 मिलियन यूनिट बिजली का होगा उत्पादन, यूपी में सीएसआर से होगा विकास

जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि सीएम योगी के विजन के तहत पहले चरण में पांच गांव को सोलर के जरिये बिजली की आपूर्ति की जा रही है। अब दूसरे चरण में शहर के सभी सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा के जरिये बिजली की आपूर्ति की जाएगी। इसके साथ ही सोलर पार्क के लिए 2700 एकड़ भूमि के सापेक्ष अब तक 1317.80 एकड़ सरकारी और 1022.73 एकड़ निजी भूमि को चिन्हित किया जा चुका है। इसमें लगभग 86 प्रतिशत भूमि लीज पर अधिग्रहित की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि करीब 9 गांव की जमीन को चिन्हित किया गया है। यहां पर फेन्सिंग कार्य एवं सौर ऊर्जा निकासी के लिए आंतरिक ग्रिड सब स्टेशन के निर्माण का काम यूपीपीसीएल की ओर से किया जा रहा है। 600 मेगावॉट क्षमता के इस प्लांट से प्रतिवर्ष 1400 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। इसके पहले भी यूपी के विकास में सीएसआर की भूमिका अहम रही है।
Previous articleTop CSR Projects in Jodhpur