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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कान्हा की नगरी का द्वापर कालीन वैभव लौटाने का हर संभव प्रयास कर रही है। अब भगवान कृष्ण (Lord Krishna) की भूमि ब्रज जल्द ही चंदन की खुशबू से महकेगी। यहां वन विभाग मानसून में चंदन के पौधे लगाने जा रहा है। इसके लिए जगह चिन्हित की जा रही है। चंदन के पौधे लगाने के लिए विभाग ने इसकी पौध तैयार कर ली है। मथुरा में चंदन के पौधे लगाने के लिए वन विभाग ने फरवरी महीने से ही तैयारी शुरू कर दी थी। वन विभाग ने फरवरी में चंदन के पौधे ब्रज में लगाने के लिए बीज रोपित किए थे। इनकी देखभाल और सही रखरखाव का नतीजा रहा कि अब 4 महीने बाद पौधों का रूप लेना शुरू कर दिया है।
कठिन रहा मथुरा में चंदन का पौधा बनाना
चंदन के पौधों को लगाने के लिए सबसे जरूरी है 25 से 30 डिग्री तापमान रहे। लेकिन मथुरा में तापमान 47 डिग्री से ज्यादा पहुंच रहा है। इसके बावजूद फॉरेस्ट डिपार्टमेंट (Uttar Pradesh Forest Department) इन चंदन के पौधों को बचाने के लिए बारीकी से देखभाल कर रहा है। पौधों के देखभाल के लिए नेट लगाई गई है इसके अलावा दिन में 3 बार सिंचाई की जा रही है। चंदन का पौधा रोपित करते समय सबसे जरूरी है इसकी उचित देखभाल। इसमें सामान्य खाद लगाई जाती है। इसके अलावा कीड़ों से बचाने के लिए कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जाता है। चंदन का पौधा शुरू में परजीवी होता है। लेकिन जब यह डेढ़ से 2 फीट का हो जाता है तब यह अपना खाना स्वयं बनाने लग जाता है।
मथुरा और अयोध्या में विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण का भी रखा जा रहा है ध्यान
वन विभाग ने मथुरा (Mathura News) में पहली बार चंदन के पेड़ लगाने की योजना की शुरुआत की है। अगर सब कुछ सही रहा तो मानसून के दौरान इन पौधों को जिन मंदिरों के पास बगीचे हैं वहां लगाया जाएगा। इसके अलावा ऐसी जगह लगाए जाएंगे, जहां की जमीन इनके अनुकूल हो। चंदन का पौधा एक वर्ष में जाकर तैयार होगा ऐसे में इसको बचाने के लिए बेहद सावधानी बरतनी होगी। पौधारोपण करने से लेकर इसके पेड़ बनने में दस से 12 साल का समय लगता है। इसकी खुशबू से जहां आसपास का वातावरण महक उठता है। वहीं इसकी लकड़ी पूजा में भी काम आती है। इस पौधे के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है मीठा पानी। बीज रोपित होने से पौधा बनने तक 6 से 8 महीने का समय लगता है।
वन विभाग लगाएगा चंदन के 400 पौधे, मथुरा समेत देश में है बेहद डिमांड
ब्रज भूमि के मंदिरों में भगवान को लगाने के लिए चंदन (Sandal Wood) की बेहद डिमांड है। यहां ज्यादातर चंदन की सप्लाई दक्षिण भारत से होती है। वन विभाग की अगर यह योजना सफल हो जाती है तो ब्रज में चंदन की खुशबू मंदिरों से बाहर भी महकेगी। वन विभाग पहले मंदिरों को इसके पौधे देगा और अगर यह योजना सफल होती है तो इसके पेड़ लगाने के लिए लोगों को भी प्रेरित करेगा। मथुरा के साथ साथ अयोध्या की आबोहवा को सुधारने के लिए योगी सरकार पौधरोपण अभियान चलाने की तैयार कर रही है। इससे ऑक्सीजन की शुद्ध मात्रा को बढ़ाने व वातावरण को संरक्षित (Environment Conservation) करने में मदद मिलेगी। अयोध्या में औषधीय (Medicinal plant), फलदार व ऑक्सीजन देने वाले पौधों को अधिक संख्या में लगाने की योजना है। इसमें सहजन, पीपल, पाकड़, बरगद, अर्जुन, जामुन, आंवला, अमरुद, आम, सागौन, शीशम आदि के ज्यादा से ज्यादा पौधों के रोपण की तैयारी है।
मथुरा और अयोध्या में होगा Tree Plantation अभियान
अयोध्या (Ayodhya News) में इस साल 38 लाख 12 हजार 680 पौधे लगाने का लक्ष्य है। वन विभाग के अलावा 26 अन्य विभाग पौधरोपण अभियान में भाग लेंगे। किस विभाग को कितने पौधे लगाने का लक्ष्य है, उसकी सूची भी वन विभाग ने बना ली है। इस साल पौधरोपण में कई प्रजातियों के पौधे लगाने की योजना है। जनता की सहभागिता के लिए पौधे लगाने की इच्छुक जनता को भी पौधे देने की योजना बनाई जा रही है। हर घर एक पौधा देने की तैयारी है। जिससे अधिक से अधिक पौधारोपण हो सके और पर्यावरण संरक्षण में मदद मिले। योगी सरकार बनने के बाद हर साल उत्तर प्रदेश में वृहद पौधरोपण अभियान चलाया जा रहा है।
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